Bihar Rajbhumi Sudhar Vibhag : भूमि सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण विभाग
बिहार एक प्रमुख राज्य है जो भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित है । यहाँ की जनसंख्या और भू – भाग की मिति से बिहार किसानों के एक मुख्य धंधे को प्रकट करते हैं । धान, गेहूं, तिलहन और पर्याप्त संवर्धित वस्त्रादि उत्पाद प्राप्त करने के लिए भू – भाग विविध प्रकार के प्रणालियों को सुधारना आवश्यक है । भूमि सुधार विभाग बिहार इस कार्य को समर्थन प्रदान करने के लिए निर्मित है ।
भूमि सुधार विभाग का मिशन
बिहार सरकार का राज्य कौशल विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षायन संस्थान ने भूमि सुधार विभाग को प्राथमिकता दी है । उनका मिशन है बिहार के भूमि संपदा को विस्तारित करने और उसे सुधारने के लिए नवाचारी तकनीकों का उपयोग करना । यह सुनिश्चित करना कि राज्य में कृषि उत्पादन सुधारित हो, किसानों की आय बढ़े, भू – भाग का सशक्तीकरण करने और भूमि संपदा का निर्वाहन करने के तरीकों द्वारा सामर्थ्य विकसित करना ।
भूमि सुधार कार्यों की सूची
बिहार में भूमि सुधार विभाग द्वारा कुछ मुख्य कार्य हैं जो उसकी प्रधान गतिविधियों को प्रकट करते हैं ।
1. भू – माप प्रणाली का विकास :
बिहार राजस्व एवं भूमि अभिलेख विभाग की भू – माप विभाग भू – सम्बन्धी कार्यों को सरल और विश्वसनीय बनाने के लिए भू – माप प्रणाली का विकास करने में जुटा है ।
2. भू – अभिलेख का अद्यतन और संवर्धन :
भू – अभिलेख का नवीकरण और सुधार भू – भाग संपदा के प्रबंधन को लगातार बढ़ावा देता है ।
3. भू – माओं की सुरक्षा और संरक्षण :
जमीन की सुरक्षा और संरक्षण कार्यक्रम जमीन के मालिकाना हक को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
4. खुली भूमि के विकास :
भू – माओं के अवैध कब्जे का एक संयमित समाधान उसकी उपयोगिता को सुनिश्चित करने में मदद करता है ।
5. भू – सर्वेक्षण एवं अनुसंधान :
भू – सर्वेक्षण एवं अनुसंधान उन्नत जलवायु संथानों का निर्माण कर भू – भाग की संभावनाएं आधुनिक रणनीतियों के अनुसार किया जाता है ।
होल्डिंग कैपेसिटी ऑफिसर की भूमिका
लेखपाल भू – भाग में विभाग का प्रमुख कर्मचारी होता है, होल्डिंग कैपेसिटी ऑफिसर ( HCO ) । उनका मुख्य काम होल्डिंग की बनावट और सिमंटिंग का अध्ययन करना होता है । वह कपड़े की दुकान धराय कर देते हैं, धरानी का अध्ययन करते हैं और धरणी नियंत्रण कर सकते हैं ।
भूमि सुधार कार्यक्रमों के लाभ
बिहार सरकार के भू – भाग सुधार विभाग के कार्यक्रमों से किसानों को विभिन्न लाभ प्राप्त होते हैं ।
1. अधिक उत्पादन :
भूमि सुधार कार्यक्रमों से किसानों के उत्पादन में वृद्धि होती है ।
2. आसान ऋण योजनाएं :
किसानों के लिए सरल और आसान भूमि सुधार योजनाएं काम में लाई जाती हैं ।
3. तकनीकी सहायता :
किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान कर उन्हें खेती में नवाचारी तकनीकों का उपयोग करने में मदद की जाती है ।
4. स्थानीय विकास :
भूमि सुधार कार्यक्रम स्थानीय समुदायों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।
भूमि सुधार विभाग के नियम एवं शर्तें
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पंजीकरण :
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भूमि सुधार कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों को पंजीकृत करना आवश्यक है ।
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तकनीकी योग्यता :
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कुछ कार्यक्रमों में तकनीकी योग्यता की मांग की जाती है ।
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निर्देशिका पालन :
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भूमि सुधार कार्यक्रमों में निर्देशिका की निबंधन की गरिमा रखना जरूरी होता है ।
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समय – सीमा :
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बिहार सरकार द्वारा निर्धारित समय – सीमाओं में कार्यक्रम का पूर्ण होना चाहिए ।
भूमि सुधार के सामान्य प्रश्न
1. भूमि सुधार विभाग क्या है?
- भूमि सुधार विभाग एक सरकारी विभाग है जो भूमि संपदा के विकास और सुधार के लिए कार्य करता है ।
2. भूमि सुधार कार्यक्रम की आवश्यकता क्यों है?
- भूमि सुधार कार्यक्रम का उद्देश्य भूमि संपदा के उपयोग को वृद्धि देना और किसानों को अधिक उत्पादन देना है ।
3. भूमि सुधार कार्यक्रम कैसे काम करता है?
- भूमि सुधार कार्यक्रम भू – भाग को विस्तारित करने और सुधारने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके काम करता है ।
4. किसानों को भूमि सुधार कार्यक्रम में कैसे शामिल होना चाहिए?
- किसानों को भूमि सुधार कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्हें विभाग के निर्धारित नियमों और शर्तों का पालन करना चाहिए ।
5. भूमि सुधार कार्यक्रम से किसानों को क्या लाभ मिल सकता है?
- भूमि सुधार कार्यक्रम से किसानों को अधिक उत्पादन, तकनीकी सहायता, और स्थानीय विकास जैसे लाभ प्राप्त हो सकते हैं ।
6. कैसे भूमि सुधार विभाग से संपर्क किया जा सकता हूँ?
- आप अपने स्थानीय भूमि सुधार विभाग के कार्यालय में जाकर या इंटरनेट के माध्यम से भी संपर्क कर सकते हैं ।
7. भूमि सुधार कार्यक्रम किस प्रकार की भूमि पर लागू होते हैं?
- भूमि सुधार कार्यक्रम विभिन्न प्रकार की भूमि जैसे कि खेती, उपजा, खुली और स्थायी भूमि पर लागू हो सकते हैं ।
8. कैसे जान सकते हैं कि मेरे क्षेत्र में भूमि सुधार कार्यक्रम चल रहे हैं?
- आप अपने स्थानीय प्रशासनिक विभाग से संपर्क करके या उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भूमि स